अनुक्रम

2.  अनवर सुहैल - खदान का मुहाड़ा, एक समय था।
3.  सुश्री अन्ना माधुरी तिर्की - स्वप्न, लौटा नहीं मन, लड़की उदास है, वर्णमाला, हुकुड़पम्प, बरगद और बाबा, सोचता महुआ, नौर फिर फलेंगे, सोनाजोरी के तट से।
4.  आनंदी सहाय शुक्ल - ऊधो इस युग में, नथनी हाट बिकानी, हंसा पंख नुचाये।
5.  (स्व.) श्रीमती आशा दुबे - शुरूआत, पारदर्शी ।
6.  श्रीमती इला मुखोपाध्याय - गंभीर समुद्र का नील, व्यर्थ आलापन, चल रही हूं मैं।
7.  डॉ. श्रीमती इंदिरा मिश्र - सहेलियां फाइलें, उज्मा जबीं, बस्तर में चांद।
8.  ईश्वर शरण पाण्डेय - आंख मिचौली।
9.  उमेश अग्रवाल - कुछ न कुछ तो हुआ होगा।
10. एकांत श्रीवास्तव - समुद्र पीछे खिसक रहा है, फलों के हिलने की अवाज, मोड़।
11. ओम भारती - रायपुर के लिये एक असमाप्त कविता
12. कमलेश्वर साहू - नमक की कविता, सपना, थैला- एक थैला- दो , सभ्य लोगों के लिये एक नंगी कविता
13. कृष्‍ण कुमार भट्ट, ‘पथिक - सड़क पर गुजरते हुये लोग
14. डॉ . श्रीमती कावेरी दाभड़कर - एक, सपने
15. कुमेश्वर कुमार - एक कदम, झूला झूलती लड़कियां।
16. केशव प्रसाद दिव्य - चारा, सवाल, रास्ता बंद, वहीं अंधेरा-1,2
17. गजेंद्र तिवारी - मुक्ति की कामना।
18. गणेश सोनी, ‘प्रतीक - कतारें गूंगी हैं।
19. श्रीमती गंगोत्री मिश्रा - नसरीन (तसलीमा नसरीन) के लिए, पतंगजरूरी है पानी का होना।
20. गेंद लाल शुक्ल - तब क्या होगा।
21. गोविंद पाल - मुक्तकंठ है रोशनी, आदमी के जानवर बनते ही, कविता का पड़ाव।
22. घनश्याम त्रिपाठी - कामगार, बाजार में बैठा, नंदी ग्राम।
23. चेतन आर्य - फूलों वाली घाटी, उसकी हैसियत।
24. जयंत कुमार थोरात - मां, समय, सड़क, वृद्ध।
25. जितेंद्र fसंह सोड़ी - करवट लेता मंजर, आंखे अघाती नहीं है।
26. जीवन यदु - मेरा अलग संवाद लगता, और कहां इराक कबीरा।
27. जीवेश प्रभाकर - वह दबे पांव खिसक गया, चिड़िया मेंरे साथ नहीं खाती, माचिस, मैंने नहीं उठाया कभी गोवर्धन पर्वत, जान पहचान।
28. जया जादवानी - बहुत कुछ होता है बीनने को इस धरती पर, जगह, सबसे कठिन समय, सारी अच्छी चीज खो जाती है।
29. दिनेश गौतम - पिता की जगह, तुम्हें सोचता हूं मैं।
30. दीप दुर्गवी – प्रत्यारोपण।
31. देवधर महंत - बचपन लौट आ, विस्थापित होने से पहले।
32. देवांशु पाल - पानी, शहर के बच्चों के सपने में।
33. नमीता डागा - ओस और आंसू की पांच कविताएं।
34. नरेन्द्र श्रीवास्तव - जोड़ा मैंने तिनका तिनका, चाहते हो तुम यही कि।
35. नंद कुमार कंसारी - छुटे हुये समाचार, चिट्ठियां।
36. नासिर अहमद सिकंदर - वी. आर. स्कीम, विश्वास और मैं, दुनिया  और मैं भ्रूण परीक्षण, भूलवश और जानबूझकर, गौरक्षक।
37. निधीश त्यागी - उंगलियां और तितलियां, बुलाने से नहीं आऊंगा,  हवायें करेंगी चुगलियां, खुशबुओं में खुलता वजूद, उस एक दिन, प्यार छेक लेगा जगह।
38. निर्मल आनंद - दूध पिलाने वाली मजदूर मांए, भौजी, रामबाई, गोदना के फूल, ददरिया, एक नींद रात से।
39. निशा भोंसले - बारिश की बूंद, अनेक रंग।
40. नीरज मनजीत - सहयात्रा, बोलना, कविता।
41. पद्यनाभ गौतम - भरमौर का दशहरा, प्रवासी, शब्द।
42. प्रभा सरस - प्रेम, जमीन पर पांव रखकर।
43. प्रतिभा गुर्जर - आसपास, बेटी, दीप।
44. प्रभाकर चौबे - राजमल के सामने, गांव का नाला, मेरे गांव में नदी, स्त्री।
45. प्रभात त्रिपाठी - कुछ कविताएं (1,2,3,4,5), सुख पिछली रात, काबेनींदी रात मेंएकांत के बियाबान में, जानवर और ईश्वर के बीच।
46. बसंत त्रिपाठी - सेल्फ पोट्रेट, दुभाशिया, दैनंदिन।
47. डॉ . बल्देव साव - सिसरिंगा की घाटियां, वृक्ष में तब्दील हो गई औरत।
48. बद्री प्रसाद पुरोहित - ऐसा मैंने कब सोचा था, जगन्नाथपुरी यात्रा प्रसंग, अफसोस, घंटी मै    बांधूगा, ईसा लौट गये।
49. बुद्धि लाल पाल - अदृश्यता, उदारता, आकांक्षाएं, विश्वाश-अंध विश्वास।
50. भगत सिंह सोनी - निर्मन, अग्नि, राजिम।
51. भास्कर चौधुरी - बाल्को (1,2,3) , गेवरा, पाfक्स्तानी मां की भारतीय बेटी।
52. भैय्या लाल नागवंशी - मै खुद जंगल।
53. मनीषा दिव्य भारद्वाज - पहचान, एक और पराधीनता, मजदूर।
54. महावीर अग्रवाल - मां(1,2), बारूद, हम खेत और दाने।
55. मंगला देवरस - बसंत देहरी पर, आकाशदीप जला दें, इस मौसम में ।
56. मन्दाकिनी श्रीवास्तव - नहीं मिलेंगे पर्याय।
57. मांझी अनंत - नहीं, घोटुल, यह आग, मुर्गां।
58. माताचरण मिश्र - तृश्णा तट, मायावी सरोवर, फूलचुग्गी और तितलियां।
59. मूलचंद तिवारी - घर (1),घर (2) वैश्वीकरण।
60. योगेंद्र राठौर - मुर्छितों की बस्ती।
61. रमेश अनुपम - कवि को कभी-कभी, बेला बोस।
62. रजत कृष्‍ण - आसमान का घर, छत्तीसजनों वाला घर, नीले रूमाल में बंधा चांद।
63. रमेश शर्मा - उनकी खिलखिलाहटों में, पलायन, इस बहरे समय में, कवरा पहाड़।
64. रंजीत भट्टाचार्य -  अस्वीकश्त प्राप्ति, दौड़, घुड़दौड़, काली लड़की की चमकती आंखे, पर्यटन (1-2-3)
65. राम गोपाल शुक्ल -    रावण का प्रतिवेदन
66. राजेश कुमार सिंह - चांद डूब जाता है, ध्रुव तारा भी, चेहरा।
67. राहुल कुमार सिंह - सिरजन, सिरजनहार।
68. रीना अधिकारी - उपहार।
69. ललित सुरजन - अंधी मछलियां, मौनी अमावस्या।
70. लक्ष्मी नारायण ‘‘पयोधि’’ - अंतस का श्रंगार, घाटी केशकाल की, गूंज उठा मालकोश, चुप ही, हाट, सल्फी का पेड़, अबूझमाड़ के बहाने, तोड़ने होंगे दांत, डारामिरी, मुश्किल में वक्त।
71. वर्षा रावल - बस्तर अब।
72. डॉ . वंदना केंगरानी - बच्चे का रीता हाथ देख, यादों के अक्स, मेरा प्यार, स्त्रियां,उपस्थिति।
     73. विक्रम कुमार सोनी - कल, बस्तर कल और आज।
     74. विजय सिंह - डोकरी फूलो, इंद्रावती नदी का पूल, बस्तर, जगरगुंडा में एक दिन।
75. विजय राठौर - इतनी बुरी नहीं है दुनिया, न होने के लिये, आओ।
76. विनोद वर्मा - ईसाः कुछ कवितांए, प्रतीक्षाः कुछ कविताएं।
77. विद्या गुप्ता - मृत्यु, बोने और काटने के बीच।
78. शरद कोकास - हैलमेट, सन्नाटा, संवेदनशील इलाका।
79. शैलेंद्र बुढ़लाकोटी - चांदनी किसकी है।
80. शिव सिंह भदोरिया - दादा की चौपाल।
81. श्रीमती शुक्ला चौधुरी - तीन गर्भवती महिलाएं, आओं छिपा दे, एक थी लड़की, घर (1, 2, 3)
82. डॉ . श्रीमती सरिता दोशी - धूपः एक चित्र, सच और झूठ , रचना घर और रास्ता।
83. सतीश जायसवाल - पलाशः 1-2-3, मौसम का पहला कोहरा, शांतिनिकेतन, गृह प्रवेश।
84. डॉ . संजय अलंग - माध्यम, चांद पर लड़की , झुमका बांध , गुलेल आदमी।
85. संजय शाम - जिनके बच्चे परदेश में रहते हैं, पथ्वी का सबसे अच्छा समय, उनींदी स्त्री की प्रार्थना।
86. संजीव बख्शी - बस्तर का हाट (1,2,3,4,5), खैरागढ़ में कट चाय और डबल पान।
87. संजीव खुदशाह - कौन कहता है।
88. श्रीमती स्नेह मिश्र - दुख चौराहा।
89. सुश्री साधिका नाथन - सांवली लड़की, मंदिर नहीं बना पाती, यादें, शहर से गुजरते हुये।
90. सीता राम नामदेव - जीवन प्रश्न।
91. सीमा सोनी - सूखी छाती, घर, दान।
92. सुरेश चंद्र श्रीवास्तव - लौटते हुये घर, क्या जानो तुम, दादाजी का कुर्ता।
93. डॉ . सुरेश तिवारी - एक गजल।
94. सूरज प्रकाश राठौर - खदान में जेठ की दुपहरी, किराये का घर, जूट की तुकड़िया।
95. श्रीराम साहूअकेला - बाहर, परिवर्तन, आदमी।
96. हर किशोर दास - पूर्वजों की याद में, एक प्रेम कविता, बस्तरः तीन कविताएं ।
97. हरिश्चंद्र वाद्यकार - इन्तजार खुश्बू का, धर्म।
98. हरीश वाढेर - आदमी चाहिये, कुछ और बातें करे, इंजन की सीटी।
99. डॉ . हेमचंद्र पाण्डेय - खिड़कियां और दरवाजे, बड़ा होता हुआ बच्चा, वह सुंदर सी- इच्छा।
100. त्रिजुगी कौशिक - तालाब, कमैलिन, गांव।
101. डॉ . त्रिभुवन पाण्डेय - बादाम का पेड़, सूरज का पता, आधे-अधूरे, आस्वाद।
102. त्रिलोक चंद महावर - आमने-सामने, सपेरे बैरंग लौट गये, बस्ता।
  103. मंगत रविन्द्र - तन पिंजरा, मन रसिया, छत्तीसगढ़ के माटी।